
भारत के शेयर बाजार में अक्सर ऐसे मोड़ आते हैं जहां बड़े-बड़े दिग्गज निवेशकों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे के साथ, जिसने भारत की फिनटेक कंपनी One 97 Communications Ltd (जिसे हम पेटीएम के नाम से जानते हैं) में निवेश किया था।
भारी निवेश और फिर तगड़ा घाटा
बर्कशायर हैथवे ने पेटीएम में एक समय पर बड़ा निवेश किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने करीब 2,179 करोड़ रुपए लगाए थे। लेकिन जब पेटीएम के शेयरों ने उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन किया और कीमतें गिरती रहीं, तो दिसंबर 2023 की शुरुआत में वॉरेन बफे की कंपनी को अपने निवेश से बाहर निकलना पड़ा।
बफे ने जिस रेंज (₹870–₹840) पर अपने शेयर्स बेचे, उसी लेवल पर उन्हें लगभग 507 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। शुरू में तो यह निर्णय सही साबित हुआ क्योंकि कुछ ही समय में पेटीएम का शेयर गिरते-गिरते ₹320 तक आ गया था।
लेकिन अब बदल गया है पूरा गेम
शेयर बाजार में समय के साथ-साथ ट्रेंड भी बदलते हैं। और अब पेटीएम के शेयर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में शेयर ने जोरदार तेजी दिखाई और 3.58% उछाल के साथ ₹922.35 पर बंद हुआ। इसका मतलब है कि स्टॉक ने ना केवल वॉरेन बफे के एग्जिट प्राइस को पीछे छोड़ा है, बल्कि यह एक नए बुलिश ट्रेंड में भी प्रवेश कर चुका है।
टेक्निकल एनालिसिस क्या कहता है?
शेयर चार्ट की बात करें तो पेटीएम अब एक अहम टेक्निकल रेंज को पार कर चुका है। यह स्टॉक अब उस लेवल पर है जहां से नया फ्रेश ब्रेकआउट संभव है।
- 900 रुपए का रेजिस्टेंस लेवल अब टूट चुका है और वह भी बड़े वॉल्यूम के साथ।
- RSI (Relative Strength Index) फिलहाल 63 के आसपास है, जो यह दर्शाता है कि शेयर में हेल्दी मोमेंटम बना हुआ है।
- मार्च 2025 से इसमें Higher High और Higher Low का पैटर्न बन रहा है, यानी स्टॉक लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
- इसके अलावा, स्टॉक काफी पहले ही 200-Days Simple Moving Average (SMA) को पार कर चुका है, जो फिलहाल करीब ₹720 के आसपास है।
निवेशकों के लिए अगला टारगेट क्या हो सकता है?
अगर मौजूदा ट्रेंड बना रहता है, तो पेटीएम का शेयर जल्द ही ₹1000 के लेवल को छू सकता है। टेक्निकल एनालिसिस में यह लेवल अगला रेजिस्टेंस माना जा रहा है।
वहीं, अगर शेयर में कभी गिरावट आती भी है, तो ₹870 का लेवल मजबूत सपोर्ट की तरह काम करेगा। जब तक यह सपोर्ट बना रहता है, निवेशकों को हर गिरावट में खरीदारी का मौका मिलता रहेगा — यानी “Buy on Dips” की रणनीति काम कर सकती है।
मार्केट कैप और मौजूदा स्थिति
फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप ₹58,950 करोड़ के आसपास पहुंच चुका है, जो बताता है कि बाजार अब इस स्टॉक को दोबारा सीरियसली ले रहा है।
क्या अब बफे ने जल्दी एग्जिट किया?
यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या वॉरेन बफे की कंपनी ने पेटीएम से बहुत जल्दी बाहर निकलकर गलती की? उस वक्त निर्णय शायद सही था क्योंकि स्टॉक ₹320 तक लुढ़क गया था। लेकिन आज की स्थिति में देखें तो यही स्टॉक अब ₹900 से ऊपर ट्रेड कर रहा है।
इससे यह बात भी साफ होती है कि शेयर बाजार में टाइमिंग करना बेहद मुश्किल है — और बड़े से बड़े निवेशक भी कभी-कभी जल्दबाज़ी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
वॉरेन बफे जैसे दिग्गज निवेशक भी कभी-कभी ऐसे स्टॉक्स में फंस जाते हैं जो बाद में शानदार प्रदर्शन करते हैं। पेटीएम इसका एक ताजा उदाहरण है। फिलहाल इसका स्टॉक चार्ट और टेक्निकल्स दोनों ही मजबूत संकेत दे रहे हैं। अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहता है तो आने वाले दिनों में यह स्टॉक निवेशकों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है।