
IIT मंडी और Art of Living फाउंडेशन ने मिलकर एक विशेष अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत की है – जिसका नाम है MBCC 2025 (Mind, Brain and Consciousness Conference)। यह सम्मेलन भारतीय ज्ञान परंपरा, मानसिक स्वास्थ्य, चेतना विज्ञान और आधुनिक रिसर्च का अद्भुत संगम बनकर उभरा है।
📅 कब और कहां हो रहा है सम्मेलन?
यह चार दिवसीय आयोजन 4 से 7 जून 2025 तक IIT मंडी में हो रहा है। इसका आयोजन IKSMHA सेंटर (Indian Knowledge System and Mental Health Applications) द्वारा किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं को विज्ञान के साथ जोड़ना है।
🔬 क्या है MBCC 2025 का फोकस?
- चेतना (Consciousness)
- मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
- तंत्रिका विज्ञान (Neuroscience)
- भारतीय दर्शन और योग
यह मंच उन विशेषज्ञों को एक साथ लाता है जो आधुनिक विज्ञान, योग, ध्यान, न्यूरोलॉजी, मनोविज्ञान और भारतीय परंपराओं पर रिसर्च कर रहे हैं।
🌍 कौन-कौन ले रहा है भाग?
दुनिया भर के न्यूरोसाइंटिस्ट, मनोवैज्ञानिक, AI विशेषज्ञ, योगाचार्य और दार्शनिक इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
प्रमुख वक्ताओं में शामिल हैं:
- प्रो. बीएन गंगाधर
- प्रो. गौतम देसराजू
- प्रो. श्रीनिवास वर्केडी
- प्रो. निर्मल्या चक्रवर्ती
- HH भक्ति रसामृत स्वामी
🤝 विज्ञान और अध्यात्म का संगम
सम्मेलन की शुरुआत श्री श्री रविशंकर के वर्चुअल उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने कहा:
“ध्यान, प्राणायाम और सात्विक भोजन, चेतना को गहराई देते हैं। आज विज्ञान भी यह स्वीकार कर रहा है कि मानसिक स्वास्थ्य में आध्यात्मिकता की अहम भूमिका है।”
IIT मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने इस आयोजन को आत्म-साक्षात्कार और विज्ञान का एक साझा मंच बताया।
🧪 110 से ज़्यादा शोध पत्र और 60 पोस्टर प्रस्तुत
MBCC 2025 में 12 अलग-अलग थीम पर सत्र हो रहे हैं:
- AI और Consciousness
- योग और ध्यान चिकित्सा
- पुनर्जन्म और न्यूरोइमेजिंग
- आयुर्वेदिक मनोचिकित्सा
- धर्म और मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला
- भारतीय कहानियों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम
🧾 IIT मंडी और Art of Living के बीच हुआ समझौता
सम्मेलन के दौरान IIT मंडी और Art of Living के बीच एक MoU (Memorandum of Understanding) साइन किया गया। इसका उद्देश्य भविष्य में मानसिक स्वास्थ्य और चेतना पर संयुक्त अनुसंधान को आगे बढ़ाना है।
IKSMHA सेंटर ने हाल ही में Sleep Research Lab भी शुरू की है, और DRDO और AYUSH मंत्रालय के साथ रिसर्च सहयोग कर रहा है।
📌 निष्कर्ष
MBCC 2025 ना सिर्फ विज्ञान और अध्यात्म के बीच की दूरी को कम कर रहा है, बल्कि यह भारतीय ज्ञान प्रणाली को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। ध्यान, योग, और मानसिक स्वास्थ्य को नई रोशनी में समझने का यह एक बेहतरीन प्रयास है।